लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आज कैबिनेट में अत्यन्त महत्वपूर्ण फैसले लिए। कैबिनेट में बुंदेलखंड को किसानों के हल के माध्यम से विकास के रास्ते पर लाने की सरकार की मंशा साफ—साफ झलकती नजर आयी। बुंदेलखंड विकास निधि के तहत खरीफ की फसलों का दायरा बढ़ाने के मकसद से बीजों पर अनुदान बढ़ाकर 80 फीसद करने के प्रस्ताव को मंजूदी दे दी गयी।
सीएम योगी की अध्यक्षता में हुयी राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में फैसला में यह महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। बैठक के बाद कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने संवाददाताओं को बताया कि उन्नतशील प्रमाणित एवं संकर प्रजाति के बीजों पर राज्य सरकार विशेष अनुदान देगी।
शाही ने कहा कि पहले यह अनुदान 50 प्रतिशत था, जिसे अब बढाकर 80 प्रतिशत कर दिया गया है । उन्होंने कहा कि 2021 तक खरीफ का आच्छादन (खरीफ की फसलों का दायरा) 16.2 लाख हेक्टेअर करने का लक्ष्य है जो इस समय 8.58 लाख हेक्टेअर है ।
उन्होंने बताया कि 50 हेक्टेअर के क्लस्टर बनाने की प्रक्रिया, बायो फेंसिंग, कृषि यंत्र, खेतों में तालाब निर्माण, स्प्रिंकलर सिंचाई, कृषक उत्पादक संंगठन का गठन को लेकर भी कुछ फैसले किये गये ।
PCS परीक्षा का बदल दिया गया स्वरूप
वहीं प्रेस वार्ता में मौजूद राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्वार्थनाथ सिंह ने जानकारी दी कि यूपी लोक सेवा आयोग की पीसीएस परीक्षा के स्वरूप में बदलाव का फैसला मंत्रिपरिषद की बैठक में किया गया है। अब परीक्षा का साक्षात्कार 200 अंक की बजाय 100 अंक का होगा और पूरी परीक्षा 1700 की बजाय 1600 अंकों की होगी, जिसमें 1500 अंक लिखित परीक्षा के होंगे । वैकल्पिक विषय के रूप में चिकित्सा विज्ञान को भी जोडने का निर्णय किया गया है ।
शाहजहांपुर को दिया गया नगर निगम बनाने का किया गया फैसला
राज्य सरकार के ही एक अन्य प्रवक्ता उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि शाहजहांपुर नगर पालिका परिषद, नगर पंचायत रोजा और आसपास के 14 राजस्व ग्राम जोडकर शाहजहांपुर नगर निगम बनाने का फैसला कैबिनेट में लिया गया है ।
उन्होंने बताया कि एक अन्य फैसले में छुटटा एवं अनुपयोगी पशुओं की समस्या के निराकरण के लिए बंध्याकरण पर ली जाने वाली 'लेवी' खत्म कर दी गयी है । यह लेवी बडे पशु पर दस रूपये प्रति पशु और छोटे पर पांच रूपये प्रति पशु ली जाती थी ।
सिंह ने बताया कि नोएडा स्थित 'पीजी सुपर स्पेशियेलिटी बाल चिकित्सालय एवं शैक्षणिक संस्थान' के निदेशक की सेवानिवृत्ति की आयु बढाकर 70 वर्ष कर दी गयी है । उन्होंने कहा कि निदेशक का पांच साल का कार्यकाल या 70 वर्ष की आयु, इनमें से जो पहले होगा, वही मान्य होगा ।