लखनऊ। उत्तर रेलवे ने विभिन्न स्टेशनों से एकत्र रेल राजस्व को लोहे के बक्से में भरकर लाने की ब्रिटिश काल से चली आ रही परंपरा को समाप्त करते हुए आधुनिक परंपरा की शुरूआत की है।
उत्तर रेलवे एवं स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के बीच पांच वर्षीय साझा अनुबंध पर हस्ताक्षर किया गया है जिसमें उत्तर रेलवे के लखनऊ मण्डल के 164 चिन्हित स्टेशनों, लोकेशन से रेल राजस्व को एकत्र करके उसे सरकारी कोष तक पहुंचाने का कार्य स्टेट बैंक द्वारा नियमित तौर पर किया जाएगा।
बता दें कि इस प्रकार की प्रणाली का शुभारम्भ उत्तर रेलवे के लखनऊ मण्डल द्वारा पहली बार किया गया है। इस नयी व्यवस्था से ब्रिटिश काल से प्रयोग होने वाले बक्सों द्वारा रेल राजस्व को सरकारी कोष में लाने का चलन समाप्त हो गया। इस व्यवस्था के तहत रेल राजस्व एवं श्रम की बचत होने के साथ साथ अधिक सुगमता एवं सुविधाजनक रूप से रेल राजस्व को सरकारी कोष तक पहुंचाया जा सकेगा।
उत्तर रेलवे के डीआरएम सतीश कुमार की मौजूदगी में स्टेट बैंक के अधिकारियों के बीच इस अनुबंध पर गुरूवार को करार किया गया। इस अवसर पर उत्तर रेलवे के एडीआरएम अमित श्रीवास्तव, एसके पोरवाल उप.महाप्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक, जगतोष शुक्ला वरिष्ठ मण्डल वाणिज्य प्रबंधक, ओपी यादव वरिष्ठ मण्डल वित्त प्रबंधक सहित मण्डल के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।